विक्की कौशल अपने अभिनय का परिचय देने में कहीं पीछे नहीं रहते हैं। थिएटर से शुरुआत करने वाले विक्की कौशल आज के समय में सिल्वर स्क्रीन और डिजिटल प्लेटफॉर्म दोनों ही जगह छाए हुए हैं। बॉलीवुड में ‘राजी’ और ‘संजू’ जैसी फिल्में देने वाले विक्की कौशल डिजिटल माध्यम से ‘लस्ट स्टोरीज’ और ‘लव पर स्कवॉयर फुट तक’ जैसी सीरीज से लोगों का दिल जीत चुके हैं।
इन दिनों वह अपनी आने वाली फिल्म ‘उरी’ को लेकर सुर्खियों में हैं, जोकि भारत द्वारा पाकिस्तान में किये गये सर्जिकल स्ट्राइक पर बनीं कहानी है। फिल्म में विक्की कौशल अहम किरदार निभाते हुए नजर आएंगे।
बात राज़ी की करें या फिर संजू की... देखा जाए तो विक्की कौशल ने जो फिल्में करके दिल जीता है उसमें वह सेंट्रल किरदार में नहीं थे। लेकिन फिर भी अपने किरदार में जान फूंककर उन्होंने न केवल लोगों का दिल जीता बल्कि अपने काम के लिए वाहवाही भी लूटी।
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान विक्की कौशल ने अपनी सफलता का राज़ खोलते हुए कहा, “इसमें मेरा बहुत कम हाथ है। ऊपरवाला कहीं मेरे लिए सही तार जोड़ रहा है। मैं तो बस जो भी किरदार मिलता है, उसे सचाई से निभाने की कोशिश करता हूं। बाकी यह निर्देशकों की भी महानता है, जो ये मौके दे रहे हैं और ये बड़े-बड़े डायरेक्टर्स हैं, जो मौका दे रहे हैं। मैं उनका भी शुक्रगुजार हूं कि वे इस नए लड़के को ऐसा काम दे रहे हैं। उनके साथ काम करके मैं बहुत सीख रहा हूं, क्योंकि मैं तो अभी नया हूं। जबकि उन्होंने बहुत काम किया है, तो अच्छा लग रहा है। अच्छा दौर चल रहा है और ऊपरवाले का शुक्र है कि वह मुझे ऐसा समय दिखा रहा है।”
अपनी फिल्मी के चयन के बारे में बात करते हुए विक्की ने कहा, “मेरे लिए कहानी बहुत जरूरी है। अच्छी फिल्मों का हिस्सा बनना बहुत जरूरी है न कि मैं ही मैं हूं और मेरे बारे में ही फिल्म है। मेरी भूख अच्छी कहानियों का हिस्सा बनने की है। अच्छे फिल्ममेकर के साथ काम करने की है। अगर फिल्म लोगों को पसंद आएगी, तो मेरा काम वे घर लेकर जाएंगे। चाहे 'राजी' हो, 'संजू' हो, चाहे लीड रोल वाली 'लव पर स्क्वॉयर फुट' हो, कोई भी फिल्म हो, पहली चीज मैं यह देखता हूं कि कहानी मुझे पसंद आ रही है या नहीं। जब मैं कहानी पढ़ता हूं, तो इस तरह से नहीं सोचता हूं कि मुझे इस किरदार के लिए अप्रोच किया है, तो मेरे किरदार में क्या है। मेरा पहला अप्रोच यह होता है कि मैं एक ऑडियंस हूं। मैं टिकट खरीदकर फिल्म देख रहा हूं। जब पिक्चर खत्म होती है, तो क्या मेरा तीन लोगों को यह बोलने का मन होता है कि यह फिल्म देखो।”