1 सितंबर से जब से ‘नया मोटर व्हियकल एक्ट 2019’ लागू हुआ है, तब से लोगों की आंखों में चालान कटने का खौफ आसानी से देखा जा सकता है। 1 सितंबर से रोजाना नई-नई खबरें सुनने में आ जाती है, आज इतने हजार का चालान कटा, कल उतने हजार का चालान कटा। चालान कटने के डर से हर कोई गाड़ी के सभी कागज और हेलमेट अपने साथ रखना नहीं भूलते। ऐसे टाइट नियमों के बीच अगर आपको कहा जाए एक ऐसा भी बंदा एग्जिस्ट करता है, जो बिना हेलमेट के सड़कों पर निकल जाता है और उसे पुलिस भी कुछ नहीं कहती और न उसका चालान काटती।
आप कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? जरूर ये बंदा कोई वीआईपी या फिर बड़े पहुंच का होगा... इस वजह से उन्हें कोई कुछ नहीं कहता। लेकिन, आपको बता दें ट्रैफिक पुलिस पर भी सख्त डंडा ऊपर से किया गया है कि वो चाहकर भी किसी को बिना चालान के नहीं छोड़ सकते। अब सोचिए इस बंदे में ऐसी क्या खास बात है जो उसे हर बार छोड़ दिया जाता है।
इस बंदे का नाम है ‘जाकिर मेमन’ जोकि गुजरात के छोटा उदेपुर जिले के बोडेली कस्बे का कहने वाला है।
हाल ही में 16 सितंबर को ट्रैफिक पुलिस ने उसे बिना हेलमेट के पकड़ा था। पूछताछ के दौरान पता चला उसके बाद गाड़ी के सभी कागजात है, लेकिन बस सिर पर हेलमेट नहीं है... जब पुलिस ने उससे सवाल किया कि ऐसा क्यों? जब जाकिर ने अपनी अनोखी समस्या ट्रैफिक पुलिस को बताई। उनकी समस्या सुनकर ट्रैफिक पुलिस में सोच में पड़ गई कि उनका चालान काटा जाये या छोड़ दिया जाए।
दरअसल, जाकिर का कहना है कि हेलमेट न पहनना उसकी मजबूरी है। वह हेलमेट पहनना चाहते हैं, लेकिन चाहकर भी पहन नहीं सकते क्योंकि उनके सिर के साइज का कोई भी हेलमेट मार्केट में मौजूद ही नहीं है।
जाकिर ने बताया कि वह शहर की हर दुकान की खाक छान चुके हैं, लेकिन कोई भी हेलमेट उनके सिर पर फिट नहीं बैठता। वजह है उनका थोड़ा बड़ा सिर। इस वजह से उन्हें बिना हेलमेट के ही बाहर निकलना पड़ता है।
बोडेली के ट्रैफिक ब्रांच के सब इंस्पेक्टर वसंत राठवा ने बताया कि जाकिर की समस्या अनोखी है इस वजह से उन्हें कई दफा बिना चालान काटे ही छोड़ दिया जाता है।
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