शॉपिंग करना किसे पसंद नहीं होता, नए कपड़े नए शूज, नए समान जिंदगी में एक नयेपन को जन्म देता है। हालांकि, पुरुषों से ज्यादा शॉपिंग का कीड़ा महिलाओं में देखने को मिलता है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं शॉपिंग करना काफी ज्यादा पसंद करती हैं। अगर आप खुद एक महिला है, तो हमारी इस बात से जरूर आप इत्तेफाक रखती होंगी। कुछ लोगों तनाव दूर करने के लिए भी शॉपिंग का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, आपके कुछ वक्त का तनाव दूर करने वाली ‘शॉपिंग’ एक बीमारी भी साबित हो सकती है।
जी हां, जरूरत से ज्यादा शॉपिंग करने की चाह दरअसल कोई शौक या फिर हॉबी नहीं बल्कि एक बीमारी होती है।
ये बात कुछ विशेषज्ञों ने मानी है।
इंग्लैंड के हेल्थकेयर ग्रुप द्वारा ज्यादा शॉपिंग करने की आदत को उन बीमारियों की लिस्ट में शामिल किया गया है, जिसको इलाज की जरूरत होती है।
जरूरत से ज्यादा शॉपिंग करने को एक बीमारी माना गया है, जिसे नाम दिया गया है ‘कंपल्सिव बाइंग डिसऑर्डर’। इसके अलावा इसे ‘ओनियोमेनिया’ के नाम से भी जाना जाता है।
साल 2015 में छपे एक लेख के मुताबिक विकासशील देशों में ’20 में से 1 शख्स’ कंपल्सिव बाइंग डिसऑर्डर से पीड़ित होता है। इस लेख के अनुसार पुरुषों की तुलना में ये बीमारी महिलाओं में तीन गुना अधिक होती है। वहीं, समय के साथ-साथ ये समस्या और भी अधिक बढ़ने लगती है।
इस बीमारी की चपेट में आकर इंसान धीरे-धीरे डिप्रेशन का भी शिकार होने लगता है, शॉपिंग न करने की वजह से उसे तनाव महसूस होने लगता है और ज्यादा शॉपिंग उसे कंगाली की हालत में भी डाल देती है।
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