पति कि लम्बी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखा जाता है, उत्तर भारत के ज्यादातर जगहों पर करवाचौथ का व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति के लिए रखा जाता है। इस साल ‘करवाचौथ’ 17 अक्टूबर को रखा जाएगा, जिसकी तैयारियां सभी विवाहिताओं ने शुरु कर दी है। इस व्रत में सभी विवाहिता महिलाएं 16 श्रृंगार करके तैयार होती हैं और पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं। यानी कि वह पूरे दिन खाने की तो दूर की बात पानी का एक घूंट तक नहीं ले सकतीं। रात को चांद निकलने के बाद वह पहले चांद और फिर अपने पति की पूजा करती हैं और पति द्वारा पिलाये पानी से अपना व्रत खोलती हैं। मान्यता है कि इस तरह व्रत रखने के पति का स्वास्थ्य सही रहता है और वह लम्बी उम्र तक जीते हैं।
वैसे तो ये व्रत शादीशुदा महिलाएं अपने पति के लिए रखती हैं, लेकिन बदलते ट्रेंड के बाद से अब बिना शादीशुदा लड़कियां भी करवाचौथ का उपवास रखने लगी हैं। कुछ लड़कियां अपने मंगेतर व बॉयफ्रेंड के लिए ये व्रत रखती हैं, तो कुछ अच्छे वर का मनोकामना के लिए।
लेकिन, क्या सच में कुंवारी लड़कियां भी करवाचौथ का व्रत रख सकती हैं? आइए जानते हैं-
शादीशुदा महिलाओं की तरह कुंवारी लड़कियां भी करवाचौथ का व्रत रख सकती है, करवामाता उनके उपवास से खुश होकर उन्हें अच्छे वर का वरदान देती हैं। हालांकि, कुंवारी लड़कियों के लिए इस व्रत के नियम थोड़े अलग होते हैं।
कुंवारी लड़कियां करवाचौथ का व्रत तो रख सकती हैं, लेकिन निर्जला नहीं वह निराहर व्रत कर सकती हैं। यानी कि वह इस व्रत में पानी, चाय, जूस जैसी चीज़े पी सकती हैं लेकिन कुछ खा नहीं सकती।
इसके अलावा कुंवारी लड़कियों को इस दिन चांद की नहीं बल्कि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अराधना करनी चाहिए, वह खुश होकर उनके अच्छे वर की मनोकामना पूरी करते हैं।
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