हर देश की सरकार अपनी तरह से काम करती है, लेकिन काम करने का तरीका लगभग हर सरकार का एक जैसा होता है। टैक्स हर देश की आर्थिक स्थिति की नींव होती है, जो देश के नागरिकों से वसूला जाता है। आपने भी अब-तक हजारों तरह के टैक्स दिये होंगे, जैसे फिल्म देखना का टैक्स लग्जरी लाइफ जीने का टैक्स इत्यादि। हालांकि, आज हम आपको दुनियाभर के ऐसे-ऐसे अजीबोगरीब टैक्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सोचा होगा।
इन टैक्स को सुनकर आप भी कहेंगे, ऐसा भी कोई टैक्स होता है क्या?
स्तनों पर टैक्स
सुनने में ही अजीब लगने वाला ये टैक्स यकीनन बड़ा ही अजीबोगरीब था, अब इस तरह का कोई टैक्स नहीं वसूला जाता है। हालांकि, दक्षिण भारत के त्रावनकोर में 19वीं सदी में छोटी जाति की महिलाओं से इस तरह का टैक्स लिया जाता था। बकायदा महिलाओं के स्तनों को नापकर ये टैक्स लिया जाता था। नियम ये था कि छोटी जाति वाली महिलाओं को अपना ऊपरी अंग ढकने का हक नहीं है, अगर कोई महिला अपना अंग ढकना चाहती है, तो उसके इसके लिए टैक्स देना पड़ता था।
सूरज की रोशनी पर टैक्स
सुबह की सुनहरी धूप हर किसी के जीवन को जगमगा देती है, लेकिन क्या हो जब इस धूप के बदले आपको टैक्स देना पड़े। आप भी सोच रहे होंगे कि धूप पर कौन टैक्स लगाता है... जी बिल्कुल लगाते हैं स्पेन के बैलेयारिक आइलैंड में सूरज की रोशनी पर टैक्स लगता है और ये भरने वाले लोग होते हैं यहां के टूरिस्ट। साल 2000 में ये टैक्स शुरु किया गया था।
टैटू बनवाने पर टैक्स
टैटू का फैशन यूं तो सालों पुराना है, लेकिन आज कल युवाओं के बीच टैटू बनवाना एक ट्रेंड-सा बन गया है। कोई हाथ पर तो कोई पैर पर... बिना कुछ सोचे समझे टैटू बनवाकर अपने फ्रेंड्स के बीच शोऑफ करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं अमेरिका में लोग इस ट्रेंड के लिए टैक्स चुकाते हैं। जी हां, अमेरिका के अरकंसास में नियम के अनुसार हर किसी को एक टैटू के लिए 6 प्रतिशत सेल्स टैक्स देना पड़ता है।
फ्लश करने पर टैक्स
सफाई की दृष्टि से देखा जाये, तो ये टैक्स जरूरी भी है। अमेरिका के मैरीलैंड में सरकार हर टॉयलेट फ्लश पर प्रति महीने करीब 355 रूपये टैक्स अपनी जनता से लेती है। बताया जाता है कि इस टैक्स का उपयोग नालों की सफाई के लिया किया जाता है।
दाढ़ी रखने पर टैक्स
आज के समय में अजीब लगने वाली बात है, लेकिन 1705 के दौर में रूस के लोगों को दाढ़ी रखने पर टैक्स देना पड़ता था। वजह थी रूसी शासक पीटर द ग्रेट। वह क्लीन शेव कल्चर चाहते थे, जिसकी वजह से उन्होंने दाढ़ी रखने वालों पर टैक्स लगा दिया था।
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