बचपन में हम सभी गणित विषय से जरूर दूर भागे हैं, क्योंकि सवाल को हल करके उसका जवाब निकालना हमारी जिंदगी का सबसे मुश्किल काम हुआ करता था। वहीं, सवाल छोड़ कर आने के बाद टीचर का डंडा और घरवालों की डांट अलग से सुनने को मिलती थी। लेकिन, लगता है अब जमाना बदल गया है... नहीं.. नहीं.. गणित में बच्चे होशियार हो गये हैं... हम ये नहीं कह रहे... जमाना बदल गया है सोच को लेकर... बड़ों से लेकर अब बच्चों तक की सोच काफी ज्यादा बदल गई है... वह मुश्किलों के बारे में तो सोचते ही हैं लेकिन उस मुश्किल से आगे की सोच आज के बच्चों को हमारे जमाने से अलग बनाती है। हम जहां सवालों में उलझे रहते थे, उस सवाले के पीछे छुपी मंशा और समाजिक भेदभाव को हम कभी भांप ही नहीं पाये। रमेश स्कूल जाता है, रीना खाना बनाती है... ये कुछ ऐसे वाक्ये हैं जो हम सभी ने बचपन में पढ़े थे, लेकिन कभी इसके पीछे लैंगिक भेदभाव की सोच को जान नहीं पाये।
जमाना कैसे बदल गया है... ये हमें हाल ही में सामने आये एक घटना से पता चला।
मामला अमेरिका के यूटा शहर का है, जहां एक साल 10 की बच्ची ने साबित करके दिखाया कि उसकी सोच हम लोगों से कितनी आगे है।
दरअसल, 10 साल की रिदम पेचेको, जोकि चौथी कक्षा में पढ़ती है। हाल ही में उसकी गणित की परीक्षा थी, इस परीक्षा में एक सवाल ने उसे काफी परेशान कर दिया। नहीं वो सवाल का जवाब उसके लिए मुश्किल नहीं था, बल्कि वो सवाल उसको अपमानजनक प्रतित हुआ। फिर क्या था... उसने उस सवाल का जवाब लिखने से इनकार कर दिया और टीचर के लिए एक खास नोट अपनी आंसर शीट पर लिख डाला।
ये था वो सवाल
ये सवाल लड़कियों के वजन से संबंधित था और बताना था कि इसाबेल का वजन सबसे ज्यादा उम्र वाली लड़की से कितना ज्यादा है।
रिदम को ये सवाल गवारा नहीं लगा और वह इससे आहत भी हुईं। उन्होंने आंसर शीट पर लिखा कि वह इस सवाल का जवाब नहीं देना चाहती... क्योंकि ये अपमानजनक है।
इसके साथ उन्होंने टीचर को ये नोट लिखा-
बेटी के इस कदम से उसकी मां नाओमी ने उन्हें डांटा नहीं बल्कि कहा कि वह अपनी बेटी की इस सोच पर गर्व करती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी अच्छी तरह जानती है कि किसी के वजन के बारे में राय बनाना सही नहीं है ये एक अपमान की बात है।
ऐसी रोचक और अनोखी न्यूज़ स्टोरीज़ के लिए गूगल स्टोर से डाउनलोड करें Lopscoop एप, वो भी फ़्री में और कमाएं ढेरों कैश वो भी आसानी से...