ज्यादातर लोगों को मंदिरों का प्रसाद खाना बड़ा अच्छा लगता है, कुछ लोग तो केवल प्रसाद के चक्कर में ही मंदिरों में माथा-टेकने जाते हैं। हालांकि, अब-तक आपने मंदिर के प्रसाद के रूप में क्या-क्या खाया है? आपका जवाब भी हम जानते हैं... वो है.. लड्डू, हलवा-पूरी, नारियल, मूरमूरे व चने आदि... आप भी सोच रहे होंगे, इससे ज्यादा आखिर क्या मिल सकता है मंदिर के प्रसाद में? बिल्कुल मिल सकता है... और ऐसी-ऐसी चीज मिल सकती है जो आपकी कल्पना से भी बाहर है।
जी हां, आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे अनोखे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने प्रसाद की वजह से लोकप्रिय है।
महादेव मंदिर (थ्रिसुर)
ये महादेव का मंदिर केरल के थ्रिसुर में स्थित है, जहां प्रसाद में कोई खाने की चीज नहीं दी जाती बल्कि इस मंदिर में प्रसाद के तौर पर CD-DVD व किताबे दी जाती हैं। ये सीडी और डीवीडी ज्ञान से संबंधित होती है, मान्यता है कि ज्ञान को बढ़ाने से बड़ा और कोई प्रसाद हो ही नहीं सकता।
अलागार मंदिर (मदुरै)
ये मंदिर तमिलनाडु के मुदरै में स्थित है, जोकि भगवान विष्णु को अर्पित है। भगवान विष्णु के अलागार रूप को डोसा काफी पसंद था, इस वजह से इनकी पूजा के बाद भक्तों को डोसा प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
खबीस बाबा मंदिर (सीतापुर)
ये मंदिर उत्तर प्रदेश के सीतापुर में स्थित है, खबीस बाबा भैरो बाबा का ही रूप माना जाता है। भैरो बाबा को शराब पसंद है, इस वजह से यहां के लोग प्रसाद के रूप में यहां शराब चढ़ाते भी है और पीते भी है। मान्यता है कि यहां आकर शराब पीने से मन्नत पूरी होती है।
बालसुब्रमण्यम मंदिर (केरल, अलेप्पी)
इस मंदिर को टॉफी वाला मंदिर भी कहा जाता है, जहां प्रसाद के रूप में टॉफी व चॉकलेट दिये जाते हैं। मान्यता है कि बालामुरुगन भगवान को चॉकेलट व टॉफी काफी पसंद थी इस वजह से यहां लोग उन्हें प्रसाद के रूप में यही चढ़ाते है और उन्हें वापस प्रसाद के रूप में टॉफी-चॉकलेट मिलता है।
चाइनीज काली मंदिर (कोलकता)
ये मंदिर कोलकाता के टांगरा में स्थित एक काली मंदिर है। यहां मां काली को भोग के रूप में नूडल्स व चॉप्सी चढ़ाई जाती है और यहीं प्रसाद के रूप में भक्तों को मिलता है।
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